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जानें लोटे से पानी पीना मानव शरीर को कितना लाभदायक है ? Know How Beneficial Is Drinking Water From Lote To The Human Body?

जानें लोटे से पानी पीना मानव शरीर को कितना लाभदायक है ? Know How Beneficial Is Drinking Water From Lote To The Human Body?

लोटे का महत्व

  • गिलास भारत का नहीं है, गिलास यूरोप से आया है, और यूरोप में पुर्तगाल से आया है। भारत का लोटा है। लोटा जो गोलाकार में होता है। लोटा कभी भी एक रेखिय नहीं होता है। एक रेखिय बर्त्तन अच्छे नहीं होते हैं। लोटे में पानी रखने से पात्र का गुण पानी में आ जाता है। हर गोल चीज का सर्फेसटेन्सन कम है क्योंकि गोल वस्तुओं का सर्फेस एरिया कम है। अत: पानी का भी सर्फेसटेन्सन गोल वस्तु यानी लोटे जैसी आकार की वस्तु में कम होगा।
  • सर्फेसटेन्सन अधिक की कोई भी खाने या पीने की वस्तु स्वास्थ की दृष्टि से बहुत खराब होती है। क्योंकि इसमें शरीर को दबाव देने वाला अतिरिक्त दबाव इसके माध्यम से आता है।
  • पानी का सबसे बड़ा गुण है सफाई करना। अधिक सर्फेसटेन्सन का पानी बड़ी आंत और छोटी आंत की सफाई अच्छी तरह नहीं कर पाता है।

 

English Translation:-

Know How Beneficial Is Drinking Water From Lote To The Human Body?

IMPORTANCE OF LOTTE

  • The glass is not from India, the glass came from Europe, and came from Portugal in Europe. It is the lota of India. Lota which is in circular shape. Lota is never a straight line. One linear pot is not good. By keeping water in the pot, the quality of the vessel comes in the water. The surface tension of every round object is less because the surface area of round objects is less. Therefore, the surface tension of water will also be less in a round object i.e. a pot-shaped object.
  • Any food or drink with high surface tension is very bad from health point of view. Because in this the extra pressure exerting pressure on the body comes through it.
  • The biggest quality of water is cleanliness. Water with high surface tension is not able to clean the large intestine and small intestine properly.

  • कम सर्फेसटेन्सन की वस्तु शरीर पर लगाने से वह त्वचा के मुह को थोड़ा अधिक (दूसरी स्थिति में) खोल देती है, जिसके कारण कचरा शरीर के बाहर आसानी से निकल जाता है। इसी प्रकार कम सर्फेसटेन्सन का पानी बड़ी आंत और छोटी आँत के सर्फेसटेन्शन को कम कर देता है जिससे बड़ी आँत और छोटी आँत का मुँह थोड़ा अधिक खुल जाता है, जिसके कारण ज्यादा से ज्यादा कचरा इनसे बाहर यानी शरीर के बाहर निकल जाता है। इसी के विपरित ज्यादा सर्फेसटेन्शन का पानी पीने से आँतों का सर्फेसटेन्शन बढ़ेगा जिसके कारण आँते सिकुडेगीं और आँतो में से कचरे की सफाई ठीक प्रकार से नहीं हो पायेगी। तनाव बढ़ने से कोई भी चीज सिकुडती है और तनाव घटने से काई भी चीज खुलती है। इसी कचरे के कारण शरीर में मूलव्याध, भगंदर जैसे रोगो की स्थिति ज्यादा बढ़ती है।
  • इसलिए हमेशा गोल वस्तुओं में रखा पानी पीना चाहिए। क्यों कि सभी गोल चीजों में रखा हुआ पानी सर्वोत्तम होता है। चाहे वह लोटा, कुआँ, तालाब, पोखरा का ही पानी क्यों न हो। ज्यादा खराब पानी समुद्र का है।
  • बारिश का पानी गोल होकर ही निचे आता है इनका सर्फेसटेन्शन कम होता है। हर ठण्डे पानी का सर्फेसटेन्सन बढ़ा हुआ होता है। और हर गुनगुने पानी का सर्फेसटेन्सन कम होता है।
  • बीमार लोगों को पानी हमेशा गरम ही पीना चाहिए। किसी भी बर्तन में रखने से पहले पानी को गरम करके उसे ठण्डा करना चाहिए।

 

English Translation:-

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